फलकनुमा पैलेस भारत में स्थित हैदराबाद के बहुत ही अधिक श्रेष्ठ स्थानों में से एक है। यह पैगाह हैदराबाद स्टेट से सम्बन्ध रखता है जिस पर बाद में निजामों द्वारा अधिपत्य किया गया। यह फलकनुमा में ३२ एकड़ क्षेत्र पर बना हुआ है तथा चारमिनार से ५ किमी की दूरी पर है। इसका निर्माण नवाब वकार उल उमर द्वारा किया गया था जो कि हैदराबाद के प्रधानमन्त्री थे। फलकनुमा का तात्पर्य होता है- “असमान की तरह” अथवा “असमान का आइना”
इस महल की रचना एक अंग्रेजी शिल्पकार ने की थी। इसकी रचना की आधारशिला ३ मार्च १८८४ को सर वाईकर के द्वारा रखी गयी थी। वे खुद्दुस के पर पोते तथा सर चार्ल्स डार्विन के मित्र वैज्ञानिक थे। इस निर्माण को पूरा होने में कुल ९ वर्षों का समय लगा। इसका निर्माण पूर्णतया इटेलियन पत्थर द्वारा हुआ था तथा यह ९३,९७१ वर्ग मीटर क्षेत्र को घेरे हुए है।
सर बाइकर इस स्थान को अपने निजी निवास के तौर पर तब तक प्रयोग करते
थे जब तक कि इसका अधिपत्य उनके पास रहा, बाद में यह पैलेस १८९७-९८ के
लगभग हैदराबाद के निजाम को सौंप दिया गया। फलकनुमा पैलेस के निर्माण
में इतनी अधिक लागत आयी कि एक बार तो सर बाइकर को भी अहसास हुआ की वे
अपने लक्ष्य से कहीं ज्यादा खर्च कर चुके है। बाद में उनकी बुद्धिमान
पत्नी लेडी उल उमरा की चालाकी से उन्होंने यह पैलेस निजाम को उपहार
में दे दिया जिसके बदले में उन्हें इस पर खर्च किया हुआ पूरा पैसा मिल
गया। बाद में निजाम नें इस महल को शाही अतिथि गृह की तरह से प्रयोग
करना शुरू कर दिया क्यूंकि इससे पूरे शहर का नज़ारा देखने को मिलता
था।
टेलीफ़ोन तथा विद्युत् सिस्टम की सेवा इस पैलेस में सन १८८३ में
ओस्लेर के द्वारा शुरू की गयी थी। आंकड़ो के अनुसार इस पैलेस में
उपलब्ध स्विच बोर्ड्स भारत के उपलब्ध सबसे बड़े स्विच बोर्ड्स में से
एक हैं। सन २००० तक यह पैलेस निजाम के परिवार की निजी संपत्ति थी तथा
सामान्य जनता के लिए आम रूप से खुली नहीं थी। इस पैलेस में बिलियर्ड्स
रूम भी है जिसे कि बोरो और वाट्स ने डिजाईन किया था। इसमें स्थित टेबल
अपने आप में अद्भुत है क्यूंकि ऐसी दो टेबल्स का निर्माण किया गया था
जिनमें से एक बन्किन्घम पैलेस में हैं तथा दूसरी यहाँ स्थित
है।
सन २००० में ताज होटल नें इस पैलेस को पुनः नवीनीकृत करना शुरू कर दिया। नए बदलावों के साथ इस होटल को नवम्बर २०१० में अतिथियों के लिए खोल दिया गया। इसके कमरों और दीवारों को फ्रांस से मगाए गए ओर्नेट फ़र्नीचर, हाथ के काम किये गए सामानों से तथा ब्रोकेड से सुसज्जित किया गया। इस पैलेस में १०१ सीट्स वाला भोजन गृह है जिसे कि संसार का सबसे बड़ा डाइनिंग हॉल माना जाता है। साथ ही साथ दरबार हॉल भी है जिसे विश्वस्तरीय शिल्प का अनुप्रयोग करके सुसज्जित किया गया है|