बएकदू पर्वत (कोरियाई: 백두산, Baekdu-san), जिसे चांगबाई पर्वत (चीनी: 长白山, Changbai shan) या बाईतोऊ (Baitou) भी कहा जाता है, उत्तर कोरिया और चीन की सरहद पर स्थित एक २,७४४ मीटर ऊंचा ज्वालामुखी है। यह चांगबाई पर्वत शृंखला का सबसे ऊंचा शिखर है। यह पूरे कोरियाई प्रायद्वीप (पेनिन्सुला) का भी सबसे ऊंचा पहाड़ है। कोरिया के लोग इसे एक पवित्र पर्वत मानते हैं और इसे कोरिया का एक राष्ट्रीय चिह्न समझते हैं।
अनुमान लगाया जाता है कि यह ज्वालामुखी जब सन् ९६९ ईसवी के आसपास फटा तो इसपर एक ५ किमी चौड़ा और ८५० मीटर गहरा क्रेटर बन गया जिसके कुछ भाग में अब 'तियान ची' (天池, Heaven Lake, यानि 'स्वर्ग झील') नामक एक सुन्दर ज्वालामुखीय झील स्थित है। यह ज्वालामुखी अभी भी जीवित है और पिछली दफ़ा सन् १९०३ में फटा था। इसके भविष्य में फिर से फटने की सम्भावना है। यही पहाड़ इस क्षेत्र की तीन सबसे महत्वपूर्ण नदियों का स्रोत है: सोंगहुआ नदी, यालू नदी और तूमन नदी।
'बएकदू-सान' (백두산) का अर्थ कोरियाई भाषा में 'सफ़ेद सिर वाला पहाड़' होता है। अंग्रेज़ी बोलने वाले ज्वालामुखी-विशेषज्ञों ने शुरू में जब यह नाम चीनी भावचित्रों में पढ़ा तो इसका उच्चारण ग़लती से 'बाईतोऊ' किया जो आज तक चला आ रहा है। इस पहाड़ को मान्छु भाषा में 'गोल्मिन शांग्गीयान अलिन' (Golmin Šanggiyan Alin) कहा जाता है, जिसका मतलब 'सफ़ेद पर्वत' है और अन्य भाषाओँ के नाम इसी से उत्पन्न हुए थे।
बएकदू पहाड़ पर मौसम तेज़ी से बदलता है और अचानक ख़राब हो सकता है। शिखर पर औसत तापमान −८.३ °सेंटीग्रेड रहता है हालांकि सर्दियों में −४८ °सेंटीग्रेड तक गिर सकता है। गर्मियों में जुलाई के महीने में औसत तापमान १० °सेंटीग्रेड होता है। साल में आठ महीने शिखर बर्फ़-ग्रस्त रहता है।