द कॉन्वेंट (अंग्रेज़ी: The Convent) ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र जिब्राल्टर के राज्यपाल का 1728 से आधिकारिक निवास स्थान है। मूल रूप से यह फ्रांसिस्कन सन्यासियों का कॉन्वेंट था जिससे इसे अपना यह नाम भी मिला। इसका निर्माण 1531 में हुआ था। स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार यह स्थान एक कैथोलिक नन की आत्मा द्वारा प्रेतवाधित है, जिसे उसके पिता और चर्च ने दीवार में जिन्दा दफ़न करवा दिया था।
फ्रांसिस्कन सन्यासी जिब्राल्टर में स्पेन के चार्ल्स प्रथम के राज के दौरान आए थे। उन्हें जमीन का एक हिस्सा उस समय के ला टर्बा नामक स्थान में दिया गया था। ला टरबा वह जगह थी जहाँ जिब्राल्टर के गरीब वर्ग की आबादी रहती थी। 1531 में वहाँ चर्च और मठ का निर्माण हुआ। मठ में प्रवेश करने का रास्ता पीछे से था, जिसे अब गवर्नर लेन के नाम से जाना जाता है। इसका विस्तार उस क्षेत्र तक था जहाँ आज जॉन मैकिन्टौश हॉल है।
जब जिब्राल्टर पर एंग्लो-डच बेड़े ने आर्चड्यूक चार्ल्स के आदेश पर जिब्राल्टर पर कब्जा कर लिया था तब फ्रांसिस्कन सन्यासियों ने स्पेन की जनता की तरह जिब्राल्टर नहीं छोड़ा था और अपने स्थान पर निवास करते रहे, कम से कम 1712 तक (इस वर्ष तक इनकी जिब्राल्टर में उपस्थिति अभिलिखित है)। 1728 में फ्रांसिस्कन मठ को ब्रिटिश गवर्नर के निवास स्थान में परिवर्तित कर दिया गया और तब से यह इसी परियोजन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
कॉन्वेंट को प्रेतवाधित स्थल माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ एक नन के भूत का निवास, यह नन "लेडी इन ग्रे" के नाम से प्रसिद्ध है। लोगों के अनुसार उसकी आत्मा एक अतिथि कक्ष के बहार के गलियारे में घूमती है और ऐसा कहा जाता है कि वह इस कक्ष को अपना कक्ष मानती है चूँकि उसे इसकी एक दीवार में जिन्दा दफ़न कर दिया गया था।
"ग्रे लेडी" के भूत की कहानी के कई संस्करण हैं। इन सभी में सबसे प्रसिद्ध के अनुसार यह एक समृद्ध स्पेनी परिवारकी बेटी थी जिसने अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध शादी कर ली थी। जब उसके पिता को इस बात का पता चला तो उसने अपनी बेटी को "कॉन्वेंट ऑफ़ सेंट क्लैरा" में भेज दिया जो मेन स्ट्रीट पर स्थित था। जहाँ मदर सुपीरियर की निगरानी में लड़की को जबरदस्ती धार्मिक कसम दिलाई गई और उसे नन बन ने पर मजबूर कर दिया गया। परन्तु उसके प्रेमी ने हार नहीं मानी और फ्रांसिस्कन मठ में शामिल हो कर कॉन्वेंट में रहने लगा। ऐसा कहा जाता है कि जोड़ा किंग्स चैपल के स्वीकारोक्ति कक्ष में मिलता था और वहाँ पर ही इन्होंने अपने भागने की योजना तैयार करी।
जिस रात को इन्होंने भागने की योजना बनाई थी उस रात को दोनो बंदरगाह तक पहुँचे जहाँ उनका एक नाव इंतजार कर रही थी। परन्तु इस प्रक्रिया में अलार्म बज गया और इसकी प्रतिक्रिया में भागते वक्त प्रेमी पानी में गिर के डूब गया। लड़की को अपनी कसम तोड़ने के अपराध में गिरफ्तार कर लिया गया और उसे कॉन्वेंट के किसी एक कक्ष की दीवार में जिन्दा दफनाने की सजा दी गई।