खारदुंग ला दर्रा हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा है, जो लद्दाख के लेह जिले में है। इसे खारदोंग ला या खर्दज़ॉंग ला के नाम से भी जाना जाता है।
लद्दाख सीमा पर यह दर्रा लेह के उत्तर तथा श्योक और नुब्रा घाटियों के प्रवेशद्वार पर है। सियाचिन हिमनद अवस्थित भाग में यह उत्तरार्ध्द घाटी तक का रास्ता है। १९७६ में इसे निर्मित किया गया और १९८८ में सार्वजनिक मोटर वाहनों के लिए खोला गया था। सीमा सड़क संगठन द्वारा अनुरक्षित यह दर्रा भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उपयोग सियाचिन हिमनद में आपूर्ति करने के लिए किया जाता है।
खारदुंग ला की ऊँचाई ५,३५९ मीटर (१७,५८२ फीट) है। स्थानीय शिखर संकेत और लेह में शर्ट बेचने वाले दर्जनों दुकानदारों का यह भ्रांतिपूर्ण दावा हैं कि इसकी ऊँचाई ५,६०२ मीटर (१८,३७९ फीट) है और यह दुनिया का सबसे ऊँचा यांत्रिक(मोटरेबल) दर्रा(पास) है।
खारदुंग ला ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मध्य एशिया के लेह से काशगर तक जाने वाले प्रमुख कारवां मार्ग पर स्थित है। इतिहास में यहाँ से लगभग 10,000 घोड़ों और ऊंटों को सालाना मार्ग लेने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। प्रसिद्ध इतिहासकार विलियम ओ डगलस ने भी इसका जिक्र किया हं।
खारदुंग ला लेह सड़क मार्ग से ३९ किमी. की दूरी पर है। दक्षिण पुल्लू चेक प्वाइंट से उत्तर पुल्लू चेक प्वाइंट तक के लगभग १५ किमी की दूरी तक के भाग में मुख्य रूप से ढीली चट्टान, गंदगी और यदाकदा पिघली बर्फ के नाले थें। अब वह पूरी तरह से पक्का कर दिया गया है। नुब्रा घाटी की निकटवर्ती सड़क बहुत अच्छी तरह से बनी हुई है (कुछ स्थानों को छोड़कर जहां शिला स्खलन होता है)। किराए के वाहन (दो और चार-पहिया वाहन), भारी ट्रक और मोटरसाइकिल नियमित रूप से नुब्रा घाटी में यात्रा के लिए जाते हैं, हालाँकि यात्रियों के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है।
यहाँ सबसे निकटतम शहर लेह है। लेह मनाली और श्रीनगर से सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है और दिल्ली से वायुयान की सुविधा भी यहाँ से जुड़ी है। लेह से नुब्रा घाटी के लिए एक दैनिक बस सेवा खारदुंग ला से होकर गुजरती है। साथ ही यहाँ एक अनुभवी ड्राइवर या बाइक से किराए की कार से भी पहुँचा जा सकता है।
इनर लाइन परमिट (आईएली), जिसे लेह में जिला आयुक्त कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है, यहाँ जाने वाले पर्यटकों के लिए आवश्यक है (लद्दाख के नागरिकों के लिए आवश्यक नहीं)। लोगों को एन(ईएन) रूट में जाँच करवाना आवश्यक है और प्रत्येक चेकपॉइंट पर जमा किए जाने वाले परमिट की प्रतिलिपि प्रदान करनी भी आवश्यक है। यहाँ बर्फ के कारण सड़क लगभग अक्टूबर से मई तक बंद रहती है।
खारदुंग ला के जलवायु आँकड़ें | |||||||||||||
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माह | जनवरी | फरवरी | मार्च | अप्रैल | मई | जून | जुलाई | अगस्त | सितम्बर | अक्टूबर | नवम्बर | दिसम्बर | वर्ष |
औसत उच्च तापमान °C (°F) | −19 (−2) |
−18 (0) |
−14 (7) |
−11 (12) |
−5 (23) |
1 (34) |
7 (45) |
7 (45) |
1 (34) |
−8 (18) |
−14 (7) |
−18 (0) |
−7.6 (18.6) |
औसत निम्न तापमान °C (°F) | −36 (−33) |
−34 (−29) |
−31 (−24) |
−25 (−13) |
−15 (5) |
−9 (16) |
−6 (21) |
−6 (21) |
−10 (14) |
−18 (0) |
−25 (−13) |
−31 (−24) |
−20.5 (−4.9) |
औसत वर्षा मिमी (inches) | 29 (1.14) |
41 (1.61) |
53 (2.09) |
38 (1.5) |
28 (1.1) |
9 (0.35) |
9 (0.35) |
8 (0.31) |
8 (0.31) |
8 (0.31) |
13 (0.51) |
22 (0.87) |
266 (10.45) |
स्रोत: |
यह लेह से नुब्रा घाटी जाने का मार्ग प्रदान करता है। यह विश्व का सबसे ऊंचा मोटर वाहन चलाने योग्य दर्रा है। परिवहन, व्यापार, युद्ध अभियान तथा मानवीय प्रवास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।