पुराना यरुशलम शहर

पुराना शहर (हिब्रू: העיר העתיקה‎, हा'लर हा'अतिकाह, अरबी: البلدة القديمة‎, अल-बलद अल-कदीम) वर्तमान यरुशलम के अंतर्गत एक 0.9 वर्ग किलीमीटर दीवारों से घिरा क्षेत्र है।

पुराना शहर कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों का घर है: टेम्पल माउंट और पश्चिमी दीवार यहूदियों के लिये, पवित्र कब्र वाला चर्च ईसाईयों के लिये तथा डोम ऑफ़ द रॉक और अल-अक्सा मस्जिद मुस्लिमों के लिये पवित्र धार्मिक स्थल है। युनेस्को ने इसे 1981 में इसे विश्व धरोहर घोषित किया।

पारम्परिक रूप से पुराना शहर चार खण्डों में विभक्त है; ये हैं मुस्लिम खण्ड, ईसाई खण्ड, अर्मेनियाई खण्ड और यहूदी खण्ड। शहर की रक्षा प्राचीरें तथा द्वार उस्मान साम्राज्य के सुल्तान सुलेमान प्रथम द्वारा 1535–1542 ईस्वी के मध्य बनवायी गयी थी। 2007 के अनुसार पुराने शहर में 27,500 मुस्लिम, 5,681 ईसाई, 790 अर्मेनियाई तथा 3,089 यहूदी रहते हैं।

अरब-इजराइल युद्ध (१९४८) के बाद जॉर्डन ने पुराने शहर पर कब्ज़ा कर लिया और यहूदियों को यहाँ से बाहर निकाल दिया। छः दिन के युद्ध के दौरान इजराइल ने पुराने शहर सहित पूरे पूर्व यरुशलम पर कब्ज़ा कर लिया और इसे पश्चिम यरुशलम के साथ मिला दिया। वर्तमान में यह पूरा क्षेत्र इसरायली सरकार के नियंत्रण में है, जो इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का अंग मानती है। हालांकि इसरायली सरकार के 1980 के यरुशलम एकीकरण को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अमान्य घोषित कर दिया है। पूर्व यरुशलम को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अब फिलिस्तानी क्षेत्र का अंग मानता है।

इतिहास

हिब्रू बाइबिल के अनुसार राजा डेविड के ग्यारहवीं शताब्दी ईसापूर्व में आक्रमण से पूर्व यह शहर जेबूसाइट जनजाति का निवास स्थल था। बाइबिल ने इसे रक्षा प्राचीरों से घिरा हुआ शहर बताया है, जो तथ्य पुरातात्विक सर्वेक्षणों द्वारा प्रमाणित हो चुका है। बाइबिल के अनुसार डेविड के बेटे सोलोमन ने शहर का विस्तार किया और टेम्पल माउंट की स्थापना की।

नव-असीरियन सम्राज्य द्वारा इसरायली साम्राज्य के उत्तरी क्षेत्र के विनाश के बाद शहर का वृहद विस्तार पश्चिम की ओर हुआ और यहाँ शरणार्थियों का ताँता लग गया। 586 ईसापूर्व में नेबुचंदनेज्ज़र द्वारा शहर को नष्ट किये जाने के पश्चात इसे हख़ामनी साम्राज्य के दौरान एक यहूदी नेहेमिया ने इसका छोटे स्तर पर पुनर्निर्माण करवाया। हेरोद महान द्वारा इस शहर की दूसरी दीवार बनवायी गयी। 41–44 ईस्वी के दौरान जुदेआ के राजा अग्रिप्पा प्रथम द्वारा शहर की तीसरी दीवार का निर्माण शुरू हुआ। पूरे शहर को 70 ईस्वी में रोमनों द्वारा पूरी तरह नष्ट कर दिया गया।

शहर के उत्तरी भाग का पुनर्निर्माण हेद्रिअन द्वारा 130 ईस्वी के आसपास करवाया गया। बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के दौरान शहर का विस्तार दक्षिणी भाग में हुआ।

सातवीं शताब्दी (637 CE) में मुस्लिमों ने द्वितीय खलीफा उमर के नेतृत्व में यरुशलम पर कब्ज़ा करके इसे अरब सम्राज्य में मिला लिया। 1099 ईस्वी में प्रथम क्रूसयुद्ध के दौरान ईसाईयों ने शहर पर कब्ज़ा कर लिया और यह कब्ज़ा तब तक बना रहा जब तक अरब मुसलमानों ने 2 अक्टूबर 1187 को सलाउद्दीन के नेतृत्व में इसे एक बार फिर अपने नियंत्रण में ले लिया। उसने शहर में यहूदियों को फिर से बसने की इजाजत दी। शहर की दीवारों को दमिश्क के सुल्तान मुअज्ज़िम ने ढहा दिया। 1229 में मिस्र के साथ सन्धि के तहत शहर का नियंत्रण फ्रेडरिक द्वितीय के हाथों में आ गया। उसने 1239 में शहर की दीवारों की मरम्मत करवाई पर यह एक बार फिर केरक के अमीर दाउद ने ध्वस्त कर दी। 1243 में शहर पर फिर से ईसाईयों का कब्जा हो गया और उन्होंने एक बार फिर से दीवारों का पुनर्निर्माण करवाया। 1244 में ख़्वारेज़्म के तातरों ने एक शहर पर कब्जा किया और एक बार फिर से दीवारें ढहा दी गयी।

शहर की वर्तमान दीवारें उस्मानी तुर्की सम्राज्य के सुल्तान सुलेमान प्रथम द्वारा बनवायी गयी है। इन दीवारों का विस्तार लगभग 4.5 कि॰मी॰, ऊचाई 5 से 15 मी॰ और चौड़ाई 3 मीटर तक की है। सुलेमान की दीवार में 6 दरवाजे है, जिसमे सातवाँ नया दरवाजा 1887 में जोड़ा गया।

1980 में जॉर्डन ने पुराने शहर को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में डालने का प्रस्ताव रखा। 1981 में इसे इस सूची में शामिल कर लिया गया। 1982 में जॉर्डन ने पुराने शहर को खतरे में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में डालने का आवेदन दिया। संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस आवेदन का इस आधार पर विरोध किया कि जॉर्डनी सरकार इस पर कोई निर्णय नहीं ले सकती क्योंकि यह प्रभावी रूप से इजराइल का हिस्सा है इसलिये उनकी सहमती इस मसले पर मायने रखती है। 2011 में यूनेस्को ने बयान जारी करके कहा कि पूर्व यरुशलम (जिसके अंतर्गत पुराना शहर आता है) फिलिस्तीन का हिस्सा है और यरुशलम शहर का मुद्दा स्थायी तौर पर सुलझाया जाय।

खण्ड

मुस्लिम खण्ड

मुस्लिम खण्ड (अरबी: حارَة المُسلِمين‎, हरात अल-मुस्लिमीन) शेष चार खण्डों में आकार में सबसे बड़ा तथा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला है, जो कि शहर के पूर्वोत्तर कोने पर बसा है। यह पूर्व में लायंस द्वार से दक्षिण में टेम्पल माउंट के उत्तरी दीवार तक फैला है। इसके पश्चिम में पश्चिमी दीवार - दमिश्क द्वार मार्ग है। 2005 में इसकी जनसंख्या 22,000 थी। 1929 में हुए दंगों से पूर्व यहाँ पर मुस्लिम, इसाई और यहूदियों की मिश्रित जनसंख्या निवास करती थी। वर्तमान में यहाँ पर कई घर बसायी गयी इसरायली आबादी के भी हैं।

ईसाई खण्ड

ईसाई खण्ड (अरबी: حارة النصارى‎, हरात अन-नसरा) शहर के पश्चिमोत्तर किनारे पर स्थित है। इसका विस्तार उत्तर में नया द्वार से लेकर दक्षिण में जफ्फा द्वार - पश्चिमी दीवार मार्ग तक है। इसकी सीमा दक्षिण में अर्मेनियाई और यहूदी खण्ड से लगती है तथा पूर्व में मुस्लिम खण्ड से लगती है। इस खण्ड में ईसाईयों का पवित्रतम स्थल पवित्र कब्र वाला चर्च स्थित है, यही पर ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया था।

अर्मेनियाई खण्ड

अर्मेनियाई खण्ड (आर्मेनियाई: Հայկական Թաղամաս‎, हयगगन तागमस, अरबी: حارة الأرمن‎, हरात अल-अरमान) चारों खण्डों में सबसे छोटा खण्ड है। अर्मेनियाईयों के इसाई होते हुए भी अर्मेनियाई खण्ड शहर के इसाई खण्ड से अलग है क्योंकि इनका 'बड़े पादरी का पद' (अंग्रेज़ी: Patriarchate, पैट्रीयार्केट) अन्य ईसाईयों से पूरी तरह से अलग है। आज यरुशलम नगर में 3000 अर्मेनियाई रहते है, जिसमे से 500 अर्मेनियाई खण्ड में है।

यहूदी खण्ड

यहूदी खण्ड (हिब्रू: הרובע היהודי‎, हारोवा येहुदी, अरबी: حارة اليهود‎, हरात अल-यहूद) दीवारों से युक्त शहर के दक्षिण-पूर्वी किनारे पर पड़ता है। इसका विस्तार दक्षिण में ज़िओन द्वार तक, पश्चिम में अर्मेनियाई खण्ड तक, उत्तर में कार्डो से चेन स्ट्रीट तक और पूर्व में पश्चिमी दीवार तथा टेम्पल माउंट तक है। इस खण्ड का अपना एक समृद्ध इतिहास है। 1948 में 2000 यहूदियों की आबादी को जॉर्डनी सेना द्वारा घेर लिया गया तथा इन्हें जबरन यहाँ से बाहर निकाला गया। इस खण्ड को अरबियों ने 1948 के यरुशलम के युद्ध के बाद पूरी तरह खत्म कर दिया।

यह खण्ड 1967 तक जॉर्डन के नियंत्रण में रहा फिर इसरायली सेना ने छः दिन के युद्ध के बाद इसपर फिर से अधिकार प्राप्त कर लिया। कुछ दिन के बाद, इसरायली प्राधिकारियों ने पर्यटकों की पश्चिमी दीवार तक सुगम पहुँच हेतु बगल में स्थित मोरक्कन खण्ड को ध्वस्त कर दिया।

2005 के अनुसार यहूदी खण्ड की आबादी 2,348 है।

मोरक्कन खण्ड

शहर में 1967 तक एक मोरक्कन खण्ड भी था जो कि इसरायली प्राधिकारियों द्वारा पर्यटकों की पश्चिमी दीवार तक सुगम पहुँच बनाने हेतु ध्वस्त कर दिया। इस खण्ड का जो हिस्सा ध्वस्त नहीं किया गया उसे यहूदी खण्ड में मिला दिया गया।

दीवारें

मुख्य लेख : यरुशलम की दीवारें

द्वार

खुले द्वार

द्वार हिब्रू भाषा में अरबी भाषा में दूसरा नाम निर्माण वर्ष स्थिति
नया द्वार हशा'अर हेहदाश

השער החדש

अल-बाब अल-जेदीद

الباب الجديد

हामिद द्वार 1887 उत्तरी छोर के पश्चिम में
दमिश्क द्वार शा'अर शखेम

שער שכם

बाब अल-अमाउन्द

باب العمود

शा'अर दमिश्क, नेबलस द्वार, स्तंभों वाला द्वार 1537 उत्तरी छोर के मध्य में
हेरोद का द्वार शा'अर हापेराचिम

שער הפרחים

बाब अल-साहिर

باب الساهرة

शा'अर होरदोस, पुष्प द्वार, भेड़ द्वार 1875 उत्तरी छोर के पूर्व में
लायंस द्वार शा'अर हाअरायोत

שער האריות

बाब अल-अस्बत

باب الأسباط

येहोशफत का द्वार, सेंट स्टीफेन का द्वार, जनजातियों का द्वार, बाब सितना मरियम (باب ستي مريم, "सेंट मैरी द्वार") 1538–39 पूर्वी छोर के उत्तर में
एक्सकेवेटर द्वार खनन द्वार (उमय्यद महल का पूर्वी द्वार, जो कि खलीफा अल-वालिद प्रथम (705-715) को समर्पित है। 705–15, 1968 अल-अक्सा मस्जिद के दक्षिण में दीवार
डंग द्वार शा'अर हाअश्पोत

שער האשפות

बाब अल-मग़रिब

باب المغاربة

सिलवान का द्वार, शा'अर हामुग्रबिम 1538–40 दक्षिणी छोर के पूर्व में
टेनर्स द्वार शा'अर हा-बुर्स्केइम

שער הבורסקאים

12वीं शताब्दी दक्षिणी छोर के पूर्व में
ज़िओन द्वार शा'अर तज़ों

שער ציון

बाब अल-नबी दाउद

باب النبي داود

यहूदी खण्ड का द्वार 1540 दक्षिणी छोर के मध्य में
जफ्फा द्वार शा'अर याफ्फो

שער יפו

बाब अल-खलील

باب الخليل

डेविड की प्रार्थना तीर्थ का द्वार, पोर्टा डेविडी 1530–40 पश्चिमी छोर के मध्य में

बंद द्वार

द्वार हिब्रू भाषा में अरबी भाषा में वर्णन काल स्थिति
गोल्डन द्वार शा'अर हारहमिम

שער הרחמים

बाब अल-धहाबी / अल-जहाबी, "स्वर्ण द्वार"

باب الذهبي

एक दोहरा द्वार, जिसे 1541 में बंद कर दिया गया। अरबी में इन दो द्वारों का अपना नाम है:
  • मर्सी द्वार, बाब अल-रहमा (باب الرحمة) – दक्षिणी द्वार
  • रेपेनटैंस, बाब अल-तौबा (باب التوبة) – उत्तरी द्वार
छठीं शताब्दी पूर्वी छोर
सिंगल द्वार यह द्वार टेम्पल माउंट के भूमिगत मार्ग पर ले जाता है हेरोद काल टेम्पल माउंट का दक्षिणी द्वार
हुल्दाह द्वार शा'रेई चुल्दा

שערי חולדה

दो द्वार:
  • तिहरा द्वार, क्योंकि इसमें 3 मेहराबें हैं। बाब अल-नबी (باب النبي, "पैगम्बर मुहम्मद का द्वार") के भी नाम से जाना जाता है।
  • दोहरा द्वार, क्योंकि इसमें 2 मेहराबें हैं।
हेरोद काल टेम्पल माउंट का दक्षिणी द्वार

इन्हें भी देखें

  • यरुशलम की घेराबंदी (636-637)

बाहरी कड़ियाँ

विकियात्रा पर Jerusalem/Old City के लिए यात्रा गाइड

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युक्तियाँ और संकेत
द्वारा व्यवस्थित:
Andrew C
29 June 2016
So much history and cool ruins when you look around or have a tour guide!!! Plus plenty of small shops with authentic Judaica & Israeli stuff
EL AL USA
20 June 2012
The Jerusalem Botanical Gardens are located in a 2,000-year-old burial cave that was found in 1902. Today, it is surrounded by plants from all over the world! An amazing site in any season.
Israel ScaVentures
12 February 2014
Did you know it is believed that the old city has been inhabited continuously for almost 5000 years?
Florian Isachsen
22 May 2019
The cleanest and most beautiful quarter in the old city.
Martin Rosen
22 December 2011
Amazing place! (a lot of tourists and beggars, though)
Anastasia Naumova
10 November 2019
Special place with history.
8.5/10
Ksenia Karetnaya, Tatiana Istratova और 10,184 अधिक लोगों को यहाँ किया गया है
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