पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर

पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर, जिसका अर्थ है वेस्टमिंस्टर का महल और जिसे हाउस ऑफ पार्लियामेंट या वेस्टमिन्स्टर पैलेस के नाम से भी जाना जाता है, ब्रिटेन की संसद के दो सदनों का सभा स्थल है। इनमें से एक है हाउस ऑफ लॉर्ड्स और दूसरा है ''हाउस ऑफ कॉमन्स''। यह लंदन शहर के हृदय माने जाने वाले वेस्टमिन्स्टर शहर में थेम्स नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है। यह सरकारी भवन वाइटहॉल और डाउन स्ट्रीट तथा ऐतिहासिक स्थल वेस्टमिन्स्टर ऐबी के करीब है। यह नाम निम्न दो में से किसी एक संरचना को संदर्भित कर सकता है, द ओल्ड पैलेस, जो एक मध्यकालीन इमारत है जो कि 1834 में ही नष्ट हो गई थी और उसके स्थान पर बनने वाला न्यू पैलेस जो आज भी मौजूद है। लेकिन इसकी मूल शैली और शाही ठाठबाट पूर्ववत बनी हुई है।

इस जगह पर पहला शाही महल ग्यारहवीं शताब्दी में बनाया गया था और 1512 में इस इमारत के नष्ट होने से पहले वेस्टमिन्स्टर ही लंदन के राजा का प्राथमिक लंदन निवास था। इसके बाद से ही यह संसद भवन के रूप में कार्य कर रहा है। 13 वीं शताब्दी से यहां संसद की सभाएं होती हैं और शाही न्याय पीठ एवं वेस्टमिन्स्टर हॉल भी यहीं पर है। पुनः पूरी भव्यता से बनाये गये इस संसद भवन में 1834 में भयानक आग लग गई। इस आग से जो इमारते बच गईं उनमें शामिल हैं वेस्टमिन्स्टर हॉल, द क्लॉइस्टर्स ऑफ सेंट स्टीफन्स, चैपल ऑफ सेंट मैरी अंडरक्राफ्ट और जूअल टॉवर.

महल के पुर्ननिर्माण की प्रतियोगिता में शिल्पकार चार्ल्स बैरी की जीत हुई और इस इमारत के निर्माण में उनकी अभिलम्ब गोथिक शैली को अपनाया गया। पुराने महल (अलग जूअल टॉवर के अपवाद के साथ) के अवशेषों को इनके स्थान पर बड़े एवं भव्य रूप में बनाया गया, जिसमें 1100 कक्ष शामिल हैं। ये कक्ष आंगन की दो श्रृंखलाओं के इर्द गिर्द बनाये गये हैं। इस नये महल का कुछ भाग3.24 हेक्टेयर (8 एकड़) थेम्स पर बनाया गया है, जिसका प्रमुख हिस्से का मुंह 265.8 मीटर (872 फ़ुट) नदी की तरफ है। बैरी की सहायता अगस्तस डब्ल्यू. एन. पुगिन ने की थी जो गोथिक शिल्पकला के एक मुख्य अधिकारी थे। उन्होंने ही महल की साज सज्जा के लिए डिजाइन तैयार किये थे। 1814 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था और तीस साल तक चला। इसके निर्माण में कई बाधाएं आईं, दोनों मुख्य शिल्पकारों की मृत्यु हो गई, तो कभी इसमें बहुत अधिक विलंब और धन लगा। बीसवीं शताब्दी तक भी अंदर की साज सज्जा का काम रूक रूक चलता रहा। लंदन के वायु प्रदुषण के कारण इसके संरक्षण का कार्य तब से चल ही रहा है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जब 1941 में इसके कॉमन चैंबर में बमबारी हुई थी तब से यहां पर पुर्ननिर्माण का काम चल रहा है।

यह महल लंदन के राजनीतिक जीवन का केंद्र रहा है। वेस्टमिन्स्टर लंदन की संसद के लिए मेटोम बन चुका है। इसके नाम पर ही सरकार के वेस्टमिन्स्टर तंत्र का नाम पड़ा है। विशेष रूप से क्लाक टॉवर, जो अपनी मुख्य घण्टे के कारण बिग बेन के रूप में जाना जाने लगा है, लंदन का प्रतिष्ठित ऐतिहासिक स्थल और शहर का मुख्य पर्यटन केंद्र है। इसे संसदीय लोकतंत्र का प्रतीक भी कहा जाता है। 1970 से ही पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर उच्चकोटि की इमारत मानी जाती है और 1987 से यह यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों का हिस्सा है।

इतिहास

पुराना महल

पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर मध्य काल के दौरान अपनी स्थिति के कारण कूटनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था क्योंकि यह थेम्स नदी के किनारे बना हुआ था। मध्यकाल में थ्रोनी आईलैंड के नाम से मशहूर इस जगह को 1016 से 1035 में कैनूट द ग्रेट ने अपना शाही महल बनाया हुआ था। सेंट एडवर्ड कंफ़ेसर ने इंग्लैंड के राजा सैक्सन के अंत से पहले थ्रोनी द्वीप पर एक शाही महल बनवाया. यह लंदन शहर से पश्चिम की तरफ था। इसे ठीक उसी समय बनाया गया था जब उसने वेस्टमिन्स्टर ऐबी बनवाया था। थ्रोनी द्वीप और उसके आसपास का क्षेत्र जल्दी ही वेस्टमिन्स्टर कहलाने लगा (शब्द वेस्ट मिन्स्टर का संक्षिप्त रूप)। इन इमारतों का उपयोग ना तो सैक्सन ने किया और ना ही विलियम प्रथम ने। सबसे लंबी अवधी तक टिका रहना वाला महल का हिस्सा (वेस्टमिन्स्टर हॉल) विलियम 1 से लेकर राजा विलियम 2 के समय तक था।

मध्य काल के अंत तक पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर शासक का मुख्य गृह था। संसद का पहले का जो प्रारूप था उसमें इसी जगह वेस्टमिन्स्टर हॉल में क्यूरिया रेगिस (शाही सभा) एकत्रित हुआ करती थी। इंग्लैंड की पहली अधिकारिक संसद द मॉडल पार्लियामेंट की बैठक इस महल में 1295 में हुई. लगभग इसके बाद की सभी संसद वहां पर सभा कर चुकी है।

1530 में राजा हेनरी VIII ने कारडिनल थॉमस वोलसे से यॉर्क प्लेस हथिया लिया था। वह एक शक्तिशाली मंत्री था जिसने अपने राजा का समर्थन खो दिया था। हेनरी ने इसे पैलेस ऑफ़ वाइटहॉल का नाम देकर अपना मुख्य गृह बना लिया। यद्यपि वेस्टमिन्स्टर आधिकारिक तौर पर शाही महल ही रहा। इसे संसद के दोनों सदनों एवं शाही न्यायालयों द्वारा इस्तेमाल किया जाता था।

क्योंकि वास्तव में यह एक शाही गृह था, इसलिए यहां पर दोनों सदनों के किसी अन्य कार्य के लिए कोई कक्ष नहीं बनाया गया था। राज्य के मुख्य महोत्सव रंगे हुए कक्षों में मनाये जाते थे। हाउस ऑफ लॉर्ड्स की बैठक वास्तव में रानी के कक्ष में होती थी। यह शालीन हॉल इमारत के दक्षिण सिरे पर स्थित था जिसे मध्यकाल में बनाया गया था। 1801 में उच्च सदन बड़े सफेद कक्ष में स्थानांतरित हो गया। यह पहले कोर्ट ऑफ रिक्वेस्ट में हुआ करता था। जिसे 18 वीं शताब्दी में राजा जॉर्ज तृतीय ने बनवाया था। इसी समय आयरलैंड के साथ संधि भी हुई थी। यह कदम इसलिए उठाया गया क्यों कि पूर्व कक्ष में बढ़े हुए मित्र समूह के लिए जगह नहीं थी।

हाउस ऑफ कॉमन्स के पास अपना कोई कक्ष नहीं था, इसकी सभाएं कभी कभी वेस्टमिन्स्टर ऐबी के चैप्टर हाउस में हुआ करती थीं। कामन्स ने पैलेस में स्टीफन चैपल के रूप में अपने लिये एक स्थाई जगह बना ली। स्टीफन चैपल एडवर्ड VI के शासन के समय शाही पैलेस का पूर्व चैपल था। 1547 में यह इमारत कामन्स के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो गयी। इसके लिए सेंट स्टिफन कॉलेज को तोड़ना पड़ा। अगली तीन शताब्दियों में स्टिफन के चैपल में कई बदलाव किये गये, ताकी निचले सदन की सुविधा बरकरार रहे। फिर एक दम से मध्यकाल के उसके रूप को बिल्कुल ही खत्म कर दिया गया।

क्योंकि संसद को अपने सीमित जगह मे कार्य करने में परेशानी हो रही थी इसलिए पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर में 18 वीं शताब्दी के बाद से कई प्रकार के परिवर्तन किये गये। एक पूरी तरह से नए महल बनाने की बात को अनसुना कर दिया गया, इसके स्थान पर इसमें नई इमारतें जोड़ी गईं. 1755 और 1770 के मध्य एक नया पश्चिमी मुख्य द्वार बनाया गया। यह दरवाजा सेंट मार्गरेट स्ट्रीट की ओर खुलता था। यह पैडेलियन शैली में बनाया गया था। अब सामुदायिक कक्ष एवं संरक्षण के लिए काफी जगह हो गयी थी। 1795 में हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर के लिए एक नया आधिकारिक निवास स्थान बनाया गया। यह सेंट स्टीफन चैपल के साथ सटा हुआ था। 1799 और 1801 के बीच नये गोथिक शिल्पकार जेम्स व्याट ने दोनो सदनों, हाउस ऑफ लार्ड और हाउस ऑफ कामन्स में अपना काम शुरू कर दिया.

1824 और 1827 के बीच महल की पूरी इमारत को एक बार फिर से बनाया गया। और इस बार यह काम सर जॉन सॉन ने किया। मध्य कालीन हाउस ऑफ लाडर्स का चैंबर जो कि 1650 में गन पाउडर प्लॉट के फेल होने पर निशाना बना था। उसे नवीनीकरण के इस काम को अंजाम देने के लिए तबाह कर दिया गया। ताकि इस जगह के दक्षिण सिरे पर एक नया शाही गलियारा और भव्य प्रवेश द्वार बनाया जा सके। सॉन ने जो कार्य महल में किये उनमें संसद के दोनो सदनों के लिए पुस्कालय की नयी सुविधा एवं राजा की कानून पीठ और उच्च न्यायाल्य के लिए नये कक्ष का प्रबंध करना शामिल था। सॉन द्वारा की नयी कलात्मक शिल्पकारी को लेकर कई विरोधाभास भी उठने शुरू हो गये। जो लोग मूल इमारत के गोथिक कला का समर्थन करते थे वो इसके विऱोधी बन गये।

आग और पुनर्निर्माण

16 अक्टूबर 1834 को पैलेस में आग लग गई जब लाठी भंडार में रखे आग के स्टोव के अत्यधिक तप जाने के कारण हाउस ऑफ लाडर्स के कक्ष ने आग पकड़ ली. इसके परिणाम स्वरूप संसद के दोनो सदन नष्ट हो गये और आस पास की अन्य इमारतें भी नहीं बचीं. आग बचाव दल की सर्तकता के कारण और हवा की दिशा के अनुकूल होने की वजह से वेस्टमिन्स्टर हॉल बच गया। द जूअल टॉवर, द अंडर क्राफ्ट चैपल, द क्लोइस्टर्स और चैपटर हाउस ऑफ़ सेंट स्टिफन, ये महल के वे अन्य हिस्से हैं जो कि इस आपदा से बच गये थे।

आग लगने के तुरंत बाद ही राजा विलियम IV ने अपना बकिंघम पैलेस संसद को देने की पेशकश की, जो बनकर लगभग तैयार हो चुका था। इसके पीछे कारण यह भी था कि वह उसे अपने निवास स्थान के रूप में पसंद नहीं करता था। इस इमारत को संसद के कार्य के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया। इसलिए इस पेशकश को अस्वीकार कर दिया गया। चैरिंग कार्स और जेम्स पार्क पर भी विचार नहीं बन पाया। वेसमिन्स्टर से एतिहासिक और राजनीतिक जुड़ाव ही स्थानांतरण के लिए ताकतवर साबित हुआ। जबकि वहां कई कमियां थीं। अब प्राथमिकता इस बात को दी जा रही थी कि जल्द से जल्द संसद को उसका स्थान मिल जाये। इसलिए हाउस ऑफ लार्ड तथा हाउस ऑफ कामन्स के लिए जल्दी में चित्रकला वाले कक्ष और सफेद कक्ष को तैयार किया गया। इसके लिए दिशा निर्देशन बोर्ड ऑफ वर्कस के बचे हुए शिल्पकार सर रॉर्बट स्मिर्क ने किया। फरवरी 1835 सदन चलाने के लिए कक्ष तैयार करने का काम जल्दी जल्दी किया गया।

महल की नई संरचना के अध्ययन के लिए एक शाही संगठन नियुक्त किया गया इसके प्रास्तवित शैली पर भी लोगों के बीच लोगों के बीच बहस होने लगी। अब यह नई उत्तम पद्यति जो कि संयुक्त राज्य के फेडरल कैपिटल और व्हाइट हाउस जैसी थी, उस समय काफी प्रचलित हुई. यह शैली पहले सॉन द्वारा पुराने महल के कुछ हिस्से में भी इस्तेमाल की जा चुकी थी। इसे नये प्रारूप में क्रांति और गणतंत्र के संकेत थे। जबकि गोथिक संरचना में संरक्षण के मूल्य के मूल्य छिपे थे। इस आयोग ने 1835 में ही यह घोषणा कर दी थी कि इस इमारत का प्रारूप या तो गोथिक या फिर एलिजाबेथन होगा. इस शाही आयोग ने सभी वास्तुकारों को इस दृष्टि से योजना बनाने को कहा.

1836 में 97 परस्पर विरोधी योजनायें पढ़ने के बाद शाही आयोग ने गोथिक शैली का महल बनाने के लिए बैरी की योजना को चुना. इसकी नींव तो 1840 में ही डाल दी गई थी। लार्ड कक्ष 1847 तथा कामन्स कक्ष 1852 में बनकर तैयार हुआ (तब बैरी को सामंत की उपाधी मिली). यद्यपि इस कार्य के लिए 1860 कर्मचारी लगे थे फिर भी यह कार्य एक दशक तक पूरा नहीं हो पाया। बैरी जिसकी अपनी शिल्पकला गोथिक कम और पांरपरिक ज्यादा है। इसने यह नया पैलेस बनाया संतुलन के नये नियमों के आधार पर. वह अंदर की साजसज्जा और भव्य निर्माण के लिए अगस्टस पुगिन पर निर्भर रहा. जिसमें की दीवारों की साज, नक्काशी का काम, टाईल लगाने का काम, फर्नीचर आदि शामिल थे।

हाल का इतिहास

दूसरे विश्व युद्ध (द ब्लिट्ज़ देखें) के दौरान जब जर्मनी ने लंदन पर बमबारी की थी तब अलग अलग अवसर पर चौदह बार पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर भी इस बमबारी का शिकार हुआ था। 26 सितंबर 1940 में पुराने पैलेस में एक बम गिरा था। इस बमबारी में सेंट स्टिफन पोर्च की दक्षिणी दीवार नष्ट हो गयी थी और साथ ही इसका पश्चिमी मुखद्वार भी नष्ट हो गया था। द लॉइन रिचर्ड की प्रतिमा भी इस जोरदार विस्फोट से अपने स्थान से कुछ उपर उठ गया थी और उसकी उपर की ओर उठी हुई तलवार झुक गई। इस प्रतिमा को लोकतंत्र के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। कहते हैं कि "आक्रमण की स्थिती में ये थोड़ा झुक भी जाये पर टूटेगी नहीं". एक दूसरा बम जो 8 दिसम्बर को गिरा था, उसने कई मठों को तबाह कर दिया.

10 /11 मई 1941 को सबसे ज्यादा खतरनाक हमला हुआ था, तब पैलेस को कम से कम 12 झटके लगे थे और तीन लोगों की मृत्यु हो गई थी। एक आग लगाने वाला बम हाउस ऑफ कामन्स के कक्ष पर आ गिरा और वहां पर आग लगा दी. दूसरे बम ने वेस्टमिन्स्टर हॉल की छत को दहला दिया. आग बचाव दल दोनों को ही न बचा पाया और यह निर्णय लिया गया कि कम से कम अंदल हॉल को सुरक्षित रखने का काम किया जाये. इस कार्य में ये लोग सफल हुए थे। लेकिन कॉमन्स कक्ष पूरी तरह से नष्ट हो चुका था और सदस्य लॉबी भी नहीं बची थी। एक बम लॉर्ड के कक्ष में भी गिरा था, लेकिन ज़मीन पर बिना फटे आगे निकल गया। या तो कोई छोटा बम उपर क्लाक टावर से टकराया था या फिर कोई विमान भेदी छत के छज्जे पर गिरा था। जिस कारण से छत को काफी क्षति पहुंची थी। घड़ी का शीशा पूरी तरह से नष्ट हो चुका था। लेकिन इसके हाथ और घंटी अब भी काम कर रही थीं और अब भी यह बड़ी घड़ी बिल्कुल सही वक्त बता रही थी।

कामन्स चैंबर के नष्ट होने के बाद, लार्ड ने स्वयं का वाद विवाद कक्ष कामन्स के इस्तेमाल के लिए दे दिया . और लार्ड के स्वयं के इस्तेमाल के लिए क्विन्स रोबिंग रूम को कुछ समय अपने प्रयोग में लाने के लिए लार्ड ने रख लिया। युद्ध के बाद कामन्स कक्ष को शिल्पकार सर गिल्स गिलबर्ट स्कॉट के निर्देशन पर फिर से बनाया गया। इस बार यह बहुत ही साधारण पुराने कक्ष की शैली में बनाया गया। 1950 में यह काम खत्म हुआ। अब दोनों सदनों को अपना अपना कक्ष मिल गया।

अब कार्यालय के लिए जगह की आवश्यकता बढ़ने लगी और पार्लियामेंट ने पास के नॉरमन शॉ इमारत में सन् 1975 में कुछ जगह का अधिग्रहण कर लिया। और हाल ही में सन् 2000 में कस्टम बिल्ट पोर्टक्यूलिस हाउस बनकर तैयार हुआ है। इस बढ़त से सभी सांसदों के लिए अपना खुद का कार्याल्य बनाने की जगह हो गयी है।

बाहरी स्वरूप

नदी के किनारे वेस्टमिंस्टर महल

सुबह के समय टेम्स नदी के उस पार का नज़ारा
...और शाम को दाईं तरफ़ पोर्टकुलिस हाउस दिखता हुआ।

सर चालर्स बैरी ने पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर के लिए जो सहयोगी डिजाइन तैयार किया था। इसमें 15 वीं शताब्दी में मशहूर अभिलम्ब गोथिक शैली का प्रयोग था और इसी से 19 वी शताब्दी में गोथिक शैली की वापसी हुई थी। बैरी एक पांरपरिक शिल्पकार थे। लेकिन इनकी गोथिक शिल्पकार अगस्टस पुगिन ने सहायता की थी। ग्यारहवी शताब्दी में बना वेस्टमिन्स्टर हॉल जो 1834 की आगजनी को झेल चुका है। इस हॉल का डिजाइन बैरी ने ही तैयार किया था। पुगिन इस काम के नतीजे से खुश नहीं थे। मुख्य रूप से बैरी द्वारा तैयार किये गये डिजाइन की योजना से वे असंतुष्ट थे। उन्होनें इसके लिए ये टिप्पणी भी की थी कि सभी ग्रेसियन, सर, यह पारंपरिक इमारत पर ट्यूडर शैली का विवरण है".

पत्थर का काम

इस इमारत पे जो पत्थर का काम किया गया था वो वास्तव में ऐंसटन था। यह एक बालू के रंग का मैगनजियन लाइमस्टोन है। जिसकी खान दक्षिणी योर्कशायर के ऐंसटन गांव में है। यह पत्थर हांलाकि प्रदूषण और दूसरे इस्तेमाल हो रहे कम गुणवत्ता वाले पत्थरों के कारण जल्दी ही खराब होने लगा. यद्यपि यह सब खराबियां जल्द से जल्द 1849 तक ठीक कर ली गईं थीं और इसके बाद 19 वीं शताब्दी में कुछ नहीं किया गया था। 1900 के दौरान एक चीज़ तो बिल्कुल साफ हो गयी थी कि पत्थरों की नक्काशी का कुछ काम अब बदलना पड़ेगा. 1928 इस बात कि आवश्यकता महसूस की गई कि अब रूटलैंड के शहद से रंग वाले लाइमस्टोन पत्थर क्लीपशैम का प्रयोग कर खराब पड़े एंन्सटन को बदला जाये. यह परियोजना 1930 में शुरू हुई थी, लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के कारण इसका काम रूक गया और 1950 में ही यह काम समाप्त हो पाया। 1960 तक प्रदूषण अब फिर से प्रभावी होने लगा. 1981 में टावर्स और बाहरी उन्नयन के पत्थरों के संरक्षण की एक योजना शुरू हुई. इस योजना की समाप्ति 1994 में हुई. तब से हाउस के अधिकारियों ने कई भीतरी बरामदों की बाहरी मरम्मत के लिए योजनायें शुरू की हैं। यह कार्य सन् 2011 में भी जारी है।

टावर्स (मीनारें)

मुख्य लेख : विक्टोरिया स्तम्भ और बिग बेन

वेस्टमिन्स्टर पैलेस मे तीन मुख्य स्तम्भ हैं। इनमें से सबसे बड़ा और लंबा 98.5 मीटर (323 फ़ुट)विक्टोरिया टावर है। जिसमें कि पैलेस का दक्षिणी पश्चिमी कोना आता है। उस समय के शासक विलियम 4 के शासन के सम्मान में इस टावर को बैरी के ही वास्तविक डिजाइन में रखा गया था। इसको बैरी ने सबसे ज्यादा यादगार बनाने की कोशिश की थी। यह शिल्पकला जो विधायी किले की देखरेख के लिए है, इसे ग्रेट स्क्वाएर टॉवर कहा जाता है (योजना की प्रतिस्पर्धा में पहचान चिन्ह के रूप पोर्टिक्योलिस के चुनाव में एक स्वर होना) और यह पैलेस की शाही प्रवेश द्वार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और पार्लियामेंट के पुस्तक संग्रह के लिए भी यह एक अग्नि निरोघक का काम करता है। इस विक्टोरिया टॉवर को कई बार पुनः बनाया गया और इसकी ऊंचाई बहुत तेजी से बढ़ी. 1858 में पूरा बनने तक यह संसार की सबसे बड़ी धर्मनिर्पेक्ष इमारत बन गया था।

टावर के तल पर शासक प्रवेश द्वार है। इस पैलेस में प्रवेश करने के लिए और पार्लियामेंट को खोलने के लिए राजा द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। यह 15.2 मीटर (50 फ़ुट)ऊँचा मेहराबदार पथ कलाकृतियों से सजाया गया है, जिनमें सेंट जोर्ज, एंड्रयू और पैटरिक के साथ-साथ रानी विक्टोरिया के पुतले भी शामिल हैं। इस विक्टोरिया टावर के मुख्य हिस्से में संसदीय लेखागार के तीस लाख दस्तावेज हैं। 8.8 किलोमीटर (5.5 मील) इनमें संसद के 1497 से अब तक के संसद अधिनियम की सभी मुख्य पाण्डुलिपियां मौजूद हैं और अन्य मुख्य पाण्डुलिपियां जैसे कि बिल ऑफ राइट्स की मूल प्रतियां एवं किंग चालर्स के डैथ वारंट से संबंधित प्रतियां भी यहां मौजूद हैं। सबसे उपर लौहे से बनी पिरामिड नुमा छत 22.3 मीटर (73 फ़ुट)ध्वज फहराने की जगह है। यहां पर राजा की उपस्थिती में रॉयल स्टैंडर्ड (राजा का व्यक्तिगत झंडा) फहराया जाता है। झण्डा दिवस के अवसर पर तथा जिस दिन संसद के किसी भी एक सदन की सभा होती थी, उस दिन सबसे उपर जाकर संघीय झंडे को फहराया जाता है।

इस पैलेस के दक्षिणी सिरे पर एक बहुत ही चर्चित टावर ही जिसे क्लाक टावर के नाम से जाना जाता है, इसे बिग बेन भी कहते हैं। यह 96.3 मीटर (316 फ़ुट) के विक्टोरिया टावर से थोड़ा ही छोटा है लेकिन बहुत ही पतला है। इसमें वेस्टमिन्स्टर की बड़ी वाली घड़ी है। जिसे कि एडवर्ड जॉन डेंट ने बनाया था और इसका डिजाइन शौकिया होरोलोजिस्ट एडमंड बैकेट डेनिसन ने तैयार किया था। एक क्षण में ही इसकी घण्टी पूरी तरह बज उठती है, इस बड़ी घड़ी की खासियत यह है कि इसका समय बिल्कुल सटीक होता है, जिसे 19 वीं शताब्दी के घड़ी बनाने वाले कठिन समझते थे। और 1859 से जब से यह अस्तित्व में आई है इस पर भरोसा कायम है। इसका समय व्यास के मापन के अनुसार चार डायल 7 मीटर (23 फ़ुट) में दिखाया जाता है, जो कि दूधिया रंग के शीशे के बने होते हैं और रात के समय यह पीछे से चमकता है। इसका घण्टे वाला हाथ 2.7 मीटर (8 फ़ुट 10 इंच) लंबा है और मिनट वाला हाथ 4.3 मीटर (14 फ़ुट) छोटा है।

पांच घंटियां घड़ी में घंटा घर के उपर की ओर लटकी हैं। चार चतुर्थांश घंटियां वेस्टमिन्स्टर के घंटानाद को हर घंटे के हर चौथे भाग में बजाती रहती हैं। सबसे बड़ी घंटी जब घंटा बजाती है तो उसे आधिकारिक भाषा में ग्रेट बेल ऑफ वेस्टमिंस्टर कहतें हैं। सामान्यता इसे बिगबेन भी कहते हैं। जो कि अनिश्चित उद्गमों को दिया गया नाम है, यह नाम समय के साथ साथ टावर के लिए इसतेमाल होने लगा. वो पहली घंटी जिसे यह नाम दिया गया था, वह परिक्षण के दौरान ही टूट गई और उसे फिर नये रुप में ढाला गया. जो बेल आज हमारे सामने है उसमें तो स्वयं ही एक दरार आ गई। जिसके कारण इसकी ध्वनी भी कुछ अलग हो गयी है। अगर इसका भार देखा जाये तो यह ब्रिटेन की तीसरी सबसे बड़ी घड़ी है 13.8 टन (13.6 लौंग टन). क्लाक टावर के सबसे उपर जो लालटेन रखी है वह आयरटन लाइट है, यह केवल तभी जलती है जब अंधेरा हो जाने के बाद भी संसद के किसी न किसी सदन की सभा जारी रहती है। यह रानी विक्टोरिया के अनुरोध पर 1885 में लगाई गई थी ताकि वे बकिंघम पैलेस से भी यह देख सकें कि सभी सदस्य काम पर हैं या नहीं। इसका नामकरण पहले कमिशनर ऑफ वर्क एकटन स्मी आयरटन के नाम पर किया गया था।

महल के तीनो स्तम्भों (91.4 मीटर (300 फ़ुट)पर) में सबसे छोटा स्तम्भ ऑक्टागोनल सेंट्रल टावर इमारत के बिल्कुल मध्य में है। यह मध्य की लॉबी के ठीक उपर है। यह डॉ. डेविड बोसवेल के जोर देने पर जोड़ा गया था। वे पार्लियामेंट के नये हाउस की वेंटिलेशन के इंचार्ज थे। इनकी योजना के अनुसारी ही पैलेस के मध्य में एक बड़ी चिमनी बनाई गई थी। जिसके लिए इनका कहना था कि पैलेस के चारों तरफ की चारों से जगह जल रही आग से उत्पन्न प्रदुषित और गर्म हवा इस चिमनी के माध्यम से बाहर निकल जाएगी. टावर की जगह बनाने के लिए बैरी पर इस बात का जोर दिया गया कि उसने लॉबी की ऊची छतों की जो योजना बनाई हुई थी। उन छतों को नीचा ही रखा जाये. और इसकी खिड़कियों की ऊचांई को भी कम किया जाये. हांलाकि यह स्तम्भ भी महल की बाहरी संरचना के लिए एक अच्छा मौका साबित हुआ। बैरी ने इसके लिए एक मीनार का प्रारूप सोच रखा था ताकि इन बड़े बड़े पार्श्व स्तम्भों को संतुलित किया जा सके. आखिर में सेंट्रल टावर अपने उद्देश्य में पूरी तरह से विफल रहा. लेकिन यह कार्य ध्यान देने लायक था क्यों कि यह पहला मौका था, जब यांत्रिक सेवाओं का शिल्पकला पर सीधा प्रभाव पड़ रहा था।

शिखर छूते कंगुरे जो खिड़कियों के बाड़े के बीच तथा महल के सामने से उठते हुए ऊपर की ओर जा रहे हैं, यह आकश के क्षितिज से लगती इमारत को सजीव बनाते हैं। सेंट्रल टावर की तरह ही यह भी कुछ व्यावहारिक कारणो से ही जोड़ा गया है, यह भी प्रकाश के आवागमन के लिए रास्ता बनाता है।

वेस्टमिन्स्टर की कुछ और विशेषताएं भी हैं, वे भी टावर ही कहलाती हैं। सेंट स्टीफन टावर पैलेस के पश्चिमी मुख्य द्वार पर लगा हुआ है। वेस्टमिन्स्टर हॉल और पुराने पैलेस यार्ड के बीच पार्लियामेंट हाउस के लिए पब्लिक ऐंट्रस है, इसे सेंट स्टीफन्स ऐंट्रस कहते हैं। नदी के मुहाने के दक्षिणी और उत्तरी सिरे पर जो गुम्मबजदार इमारत है उसे स्पीकर्स टावर और चांसलर्स टावर कहते हैं. पैलेस के पुर्ननि्र्माण के समय दोनो सदनों का संचालन करने वाले अधिकारियों के बाद हाउस ऑफ द कामन्स के स्पीकर और लॉर्ड हाई चांसलर ही आते थे। स्पीकर टावर में स्पीकर हाउस और कामन्स के स्पीकर का आधिकारिक सदन आता है।

मैदान

पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर के चारों ओर कई छोटे छोटे बगीचे हैं। पैलेस की दक्षिणी नदी के किनारे विक्टोरिया टावर गार्डन है। यह गार्डन लोगों के लिए एक सरकारी पार्क के रूप में खुला है। ब्लैक रोड गार्डन (इसका नाम ब्लैक रोड के जेंटलमैन अशर के ऑफिस के नाम पर रखा गया है) आम लोगों के लिए बंद है और यह एक नीजी प्रवेश द्वार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। महल के एक दम सामने ओल्ड पैलेस यार्ड है, इसके मार्ग पर मजबूत सुरक्षा ब्लाक लगे हुए हैं (सुरक्षा नीचे देखें). क्रोम वेल ग्रीन (यह भी अग्रभाग पर ही स्थित है और न्यू विजीटर सेंटर के निर्माण के लिए होर्डिंग के द्वारा इसे सन् 2006 में बंद कर दिया गया था) न्यू पैलेस यार्ड (दक्षिण की ओर) और स्पीकर्स ग्रीन (महल के दक्षिण की तरफ), ये सभी निजी हैं और आम लोगों के लिए बंद हैं। कॉलिज ग्रीन, हाउस ऑफ द लार्ड के दूसरी तरफ, यह एक छोटा त्रिकोणीय पार्क है, सामान्यता इसे राजनीतिज्ञों के साक्षात्कार के लिए प्रयोग में लाया जाता है।

आंतरिक संरचना

पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर में 1100 कक्ष, 100 सीढ़ियां और4.8 किलोमीटर (3 मील) 91 गलियारे हैं, जो कि चार तलों में फैले हुए हैं। इसके ग्राउण्ड फ्लोर में कार्यालय, डायनिंग रुम और बार हैं, पहला तल (जो कि मुख्य तल कहलाता है) में पैलेस के मुख्य कक्ष, वाद विवाद कक्ष, लॉबी और पुस्तकालय हैं। शीर्ष दो मंजिलों को कार्यालय और समिति कक्ष के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

अभिन्यास

एक मुख्य प्रवेश द्वार के स्थान पर इस पैलेस में इमारत को इस्तेमाल करने वाले अलग अलग दलों के लिए अलग प्रवेश द्वार बनाया गया है। विक्टोरिया टावर के तल पर टावर के दक्षिण पश्चिमी कोने की ओर शासक प्रवेश द्वार है और यह शाही जुलूस का शुरूआती बिन्दु है संसद के राज्य उद्धाटन के समय यह स्थान राजशाही द्वारा शाही रीतिरिवाजों के लिए अनुगामी कहलाता है। इसमें शाही सीढ़ियां, नॉरमन बरामदा, रोबिंग रूम, शाही गैलेरी, पिंस का कक्ष और इन सबसे उपर है लॉर्ड का कक्ष जहां पर सभी शाही रस्में होती हैं। हाउस ऑफ द लॉर्ड के सदस्य कुलीन प्रवेश द्वार का प्रयोग करते हैं, जो कि पुराने पैलेस यार्ड के सामने है। यह पत्थर वाले बरामदे से होकर जाता है और प्रवेश हॉल में जाकर खुलता है। यहां से सीढ़ियां निकलती हैं यह सीढ़ियां गलियारे से राजकुमार के कक्ष की ओर ले जाती हैं।

संसद के सदस्य, सदस्य प्रवेश द्वार से इमारत में प्रवेश करते हैं। सदस्य प्रवेश द्वार न्यू पैलेस यार्ड के दक्षिण की तरफ है। इसका रास्ता क्लोइस्टर के नीचे वाले तल में क्लाक रूम से होकर जाता है और अंत में कामन्स चैंबर कक्ष के दक्षिण की तरफ मैंबर्स लॉबी तक पहुंचता है। न्यू पैलेस यार्ड से स्पीकर कोर्ट तक भी पहुंचा जा सकता है और यहां से स्पीकर हाउस की मुख्य द्वार तक भी जाया जा सकता है ये मुख्य द्वार पैलेस के उत्तर पूर्वी कोने पर स्थित पवेलियन में है।

इमारत के पश्चिमी मुख्य द्वार के मध्य सेंट स्टिफन प्रवेश द्वार है, यह प्रवेश द्वार लोगों द्वारा चुने गये सदस्यों के लिए है। यहां से लोग गलियारों की एक श्रृंखला तथा सीढ़ियों की ओर जाते हैं। यह उनको मुख्य फ्लोर के तल और ओक्टेगोनल सेंटरल लॉबी जो कि पैलेस का केंद्र है, इसकी ओर ले जाती हैं। इस हॉल के दोनों ओर एक से बरामदे हैं। इन्हें फ्रेस्को पेंटिंग से सजाया गया है। यह बरामदे अगले कक्षों और दोनों सदनों के वादविवाद कक्ष की ओर ले जाते हैं। यहीं से सदस्य लॉबी और उत्तर के कॉमन्स कक्ष, कुलीन लॉबी और दक्षिण के लॉर्ड कक्ष की ओर जाया जा सकता है। दूसरी ओर भीत्ति चित्र से सजे गलियारे निचले वेटिंग हॉल के पूर्व की ओर ले जाते हैं और यहां कि सीढ़ियां पहली मंजिल की ओर ले जाती हैं, इस स्थान पर नदी के मुहाने पर 16 सामुदायिक कक्ष बने हुए हैं। इनके ठीक नीचे दोनों सदनों का पुस्तकालय हैं, मुख्य तल पर होने की वजह से यहां से थेम्स नदी को देखा जा सकता है।

नॉर्मन पोर्च

विक्टोरिया टॉवर के नीचे शासक प्रवेशद्वार ही पैलेस ऑफ वेन्समिन्स्टर के लिए भव्य प्रवेश द्वार है। यह राजा के इस्तेमाल के लिए ही बनाया गया था। राजा हर साल अपनी गाड़ी में बकिंघम पैलेस से यहां पर संसद की राजकीय शुरुआत के लिए अपना सफ़र शुरू करता है। राजशाही का मुकुट शासक द्वारा शाही रीति रिवाज़ों के लिए पहना जाता है, इसके साथ ही राजा के पास शाही तलवार और कैप ऑफ मेंटेंनेंस होती है। यह सब शाही अधिकार के सूचक हैं, जुलूस में राजा ये सब अपने साथ लेकर चलता है, अपनी बग्घी से ही महल की यात्रा करता है, राजा के साथ शाही घराने के लोग भी होते हैं और इन सबके बाद शाही बरामदे में समस्त शाही घराना एक साथ उपस्थित होता है। यह शासक प्रवेश द्वार बाहर से आने वाले शाही मेहमानों के लिए भी औपचारिक प्रवेश द्वार है और साथ ही महल के पब्लिक टूर के लिए भी एक शुरूआती बिन्दु है।

यहां से शाही सीढ़ियां मुख्य तल की ओर ले जाती हैं, जहां पर सलेटी ग्रेनाइट से बनी 26 सीढ़ियां हैं। यह मार्ग राज्य समारोह के समय खोला जाता है, इसमें तलवार पकड़े हुए दो घरेलू रेजिमेंट के घुड़ सवार अपने अपने दलों में जुलूस के साथ आते हैं, यह रेजिमेंट हैं घरेलु घुड़सवार फौज, जीवन रक्षक, ब्लू और शाही रेजिमेंट इनके आने पर एक प्रकार का शाही संगीत बजाया जाता है। यह मात्र दल हैं जो हथियारों के साथ पैलेस वेस्टमिन्स्टर में प्रवेश कर सकते हैं। जो कि आधिकारिक तौर पर शाही निवास स्थान है।

यह सीढ़ियां नॉरमन बरामदे के बाद पड़ती हैं, यह वर्गाकार ज़मीन का टुकड़ा है, यह अपनी गुच्छेदार आकृति और गहन भीतरी छत के कारण शेष खण्ड से अलग लगता है। यह जगह चारगुफा जैसे कक्ष हैं और इसका नक्काशीदार अग्रभाग के साथ इसकी मेहराब की डाट ही इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। इसके बरामदे का नामकरण इसकी सजावट के तरीके पर किया गया है। यह तरीका नॉरमन इतिहास का ही हिस्सा है। इस घटना में न तो नॉरमन के राजा का बिंब और न ही किसी भित्ती चित्र को क्रियाविंत किया गया है और इस थीम में केवल एक शीशे को दिखाया गया है जिसमें विजेता विलियम की छवि ही प्रतिबिंबित होती है। इस कक्ष में रानी विक्टोरिया को दो बार दिखाया गया है, एक जगह किसी शीशे में रानी को एक जवान स्त्री के रूप में दिखाया गया है और दूसरी जगह रानी को अपनी मृत्यु के निकट हाउस ऑफ द लॉर्ड के सिंघासन पर बैठे दिखाया गया है। यह सब जीन जोसेफ बेंजामिन कांस्टेंट की 1900 पेंटिंग वाली कॉपी का एक हिस्सा है, जो कि पूर्व की दीवार पर टंगी है। इस कक्ष में ऐसे सोलह स्तंभ हैं जहां पर हाउस ऑफ लॉर्ड्स के पूर्व प्रधानमंत्री की मूर्ति बनी हुई है, यह मूर्तियां हैं अर्ल ग्रे और सेलिस बरि की मारक्यों. सीढ़ियों के दूसरी तरफ दो दरवाज़े हैं जिनमें से एक सीधा शाही गैलरी की तरफ ले जाता है और दूसरा रोबिंग रूम पर जाकर खुलता है।

रानी का रोबिंग कक्ष

रानी का रोबिंग कक्ष पैलेस के समारोह वाले हॉल के दक्षिणी सिरे पर है और यह इस इमारत के दक्षिणी मुख्य द्वार के केंद्र के बड़े हिस्से को घेरता है। इसके ठीक सामने विक्टोरिया गार्डन है। जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है, यह उस स्थान पर पड़ता है जहां पर शासक आधिकारिक पोशाक पहने और शाही मुकुट को सर पर धारण किये हुए पार्लियामेंट की स्टेट ओपनिंग की घोषणा करते हैं। इस सुंदरता से सजाये गये कक्ष के आर्कषण का मुख्य केंद्र बिंदु राजा का सिंघासन होता है। राजा यहां पर तीन सीढ़ियां के ऊपर स्थित अपने सिंघासन पर स्कॉट लैंड, इंगलैंड, आयरलैंड के सैनिकों की सुरक्षा में इन राष्ट्रों के फूलों के प्रतीक से सजे मंडप पर बैठता है। इस सिंघासन के पीछे बैंगनी रंग का मखमली चखौटा होता है, इस चखौटे पर रॉयल स्कूल ऑफ एंब्रोड

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George X
8 November 2015
Amazing architecture & of course the famous Big Ben.Visit Westminster Palace inside,even if tickets are expensive.You will wander around parliament's halls/see the place where all decisions are taken.
David
6 July 2015
One of the top must place to visit when in London. Tour of the Parliament must be booked in advance via internet. Verry interesting and comprehensive visit. Architecture of the building is amazing.
Josh Wood Productions
12 January 2013
Fantastic architectural masterpiece! You must visit this place! The Palace of Westminster commonly known as the Houses of Parliament housing the House of Commons and the House of Lords.
Filmsquare
14 July 2013
Following James Bond's escapades at the Golden Dragon Casino, Macau in Skyfall (2012) we are transported to Gareth Mallory's office via a wide shot focusing on the Palace of Westminster at night.
Filmsquare
14 June 2013
Popular with the Bond franchise, the Palace of Westminster was first seen in an establishing shot in Goldfinger (1964) just after Jill Masterson was painted gold and 007 is meeting with M.
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25 May 2013
The Palace of Westminster is seen in the background of a scene in For Your Eyes Only (1981). Shortly afterwards James Bond's helicopter pilot is killed and he has to battle to regain control.
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